Thursday, June 25, 2020

मुखोटे

      चेहरे नही मुझे मुखोटे दिखते है अब,
वो जो अपने थे वो तो बस, सपने में दिखते है अब
था मेरा भी एक सपना की आशियाँ बने खुबसूरत,
       लेकिन दिल मे तो नफरत पल गई 
  ओर जो थी गुंजाइश रिश्तों में मोहोब्बत की,
            वो तो कब की जल गई।

-Ur\/!✍️