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Monday, November 16, 2020

सियासत

लड़की पूछ रही है...

कपड़ो की कितनी परते चढ़ा दु की रेप नही होगा,
उम्र के कितने बीत जाने पे रेप नही होगा,
समय के कोन से पैमाने पे रेप नही होगा,
आंखों को कितना झुकाने पे रेप नही होगा,
आवाज को कितना दबाने पे रेप नही होगा,
रिश्तो को किस तरह निभाने पे रेप नही होगा,
क्यों मेरी आबरू हर शख्स नीलाम कर रहा है...
क्यों हर रिश्ता ये काम खुले आम कर रहा है...
कभी आंखों से छुपु...
कभी हाथो से बचूं....
कभी बदन को ढहकू...
कहा ले जाओ इस जिस्म को
की कहा इसे बचा के रखूं....

कैसा है वो इंसान जिसे मेरी उम्र का लिहाज़ नही दिखता,
वैसे धर्म दिखता है उसे मेरा..
लेकिन हवस में उसे मेरा हीजाब नही दिखता.
जाने कैसे लोग है ये
जिन्हें सियासत के आगे
मेरे ज़िस्म का फटा हुआ लिबाज़ नही दिखता.
मार डालो मुझे...
ओर मेरी इज़्ज़त तार तार कर दो,
एक बार से मन नही भरा,
तो आओ ओर एक बार कर दो,
ज़िंदा भी मत छोड़ो,
बोल पड़ूँगी
लाश को भी मेरी राख कर दो।

-Ur\/!✍️

Tuesday, July 28, 2020

कहने के लिए...

कहने के लिए ....
      वो सिर्फ मेरी है
        उसकी ज़िद,
      उसका बचपना,
     उसका पागलपन,
       उसका प्यार,
        उसके वादे,
        उसके सपने,
         और........
 वो खुद,
             लेकिन,
कहने के लिए...

-Ur\/!✍️

Monday, July 27, 2020

आईना

बेठ के सामने आयने के, मेने पूरा मुवायना किया,
अपनी चाहते ,शिकायतें अपने गीले ,शिकवे
अपनी दर्द और तकलीफों का पूरा बयान दिया.........
समझदार था वो शख्स !
आयने में उभरा वो मेरा अक्स,
सुकून से उसने मुझे सुना....
गलत या सही किसी हिस्से में नही चुना,
फिर तसल्ली से उसने मुझे समझाया
और तन्हा होने का फायदा भी बताया
बताया उसने मुझे कि उम्मीदें बेज़ार है
किसी का होना निहायती बेकार है
वो हमदर्द बनेंगे...
तुम हमसफ़र कहोगे..
ओर चले जायेंगे वो
तो तकलीफ सिर्फ तुम सहोगे,
ज़रूरी है ....
ज़रूरी है क्या..?कोई तुम्हे सुने या सिर्फ तुम्हारा ही बने ,
नही.....
किसी ओर की मत चाहत करो...
सिर्फ तुम ओर तुम इस दिल की राहत बनो..

-Ur\/!✍️

Sunday, July 12, 2020

वो लोग

घड़ी दो घड़ी साथ कि बात करते है,
जी नही सकते एक पल साथ
वो लोग...
सारी उम्र की बात करते है।

-Ur\/!✍️

Tuesday, July 7, 2020

सवाल

  ज़िन्दगी एक सवाल है तुझसे
         बात दे तू मुझे,
    तुझे कोई मलाल है मुझसे...
क्यों कर रही है बर्बाद मुझे इस कदर
क्या कोई और उम्मीदें ख़याल है मुझसे।

-Ur\/!✍️

Monday, July 6, 2020

दर्द

यक़ीन मानिये...
कुछ लोगो ने तो ये कह कर छोड़ दिया,
की इतने दर्द की तो आदत है तुम्हे
संभल ही जाओगी।

-Ur\/!✍️

Thursday, July 2, 2020

दुनियां

जो नही हो सकता,
वही तो करना है..
ये जो सारी दुनिया खिलाफ है मेरे,
इसी से तो लड़ना है।

-Ur\/!✍️

Wednesday, July 1, 2020

बेचैन

आज नींद नही है,
कल चैन नही होगा।
कोई बात नही साहब...
अब दिल है
तो बेचैन भी होगा।

-Ur\/!✍️

Monday, June 29, 2020

खंजर

      तन्हाई का ये मंज़र
गुजरती रात का हर पल जैसे,
      दिल पे मेरे खंजर।

-Ur\/!✍️

Friday, June 26, 2020

बदनसीब

ऐं मोहोब्बत मेरी तू कितनी बदनसीब है,
एक वक्त था जब उसके ख्वाबों से बातें रात भर करती थी.
ओर आज बाहों में भी उसकी खामोश पड़ी है...
तु कल भी तन्हा थी,
ओर आज भी तन्हा ही खड़ी है।

-Ur\/!✍️

Thursday, June 25, 2020

मुखोटे

      चेहरे नही मुझे मुखोटे दिखते है अब,
वो जो अपने थे वो तो बस, सपने में दिखते है अब
था मेरा भी एक सपना की आशियाँ बने खुबसूरत,
       लेकिन दिल मे तो नफरत पल गई 
  ओर जो थी गुंजाइश रिश्तों में मोहोब्बत की,
            वो तो कब की जल गई।

-Ur\/!✍️

Wednesday, June 24, 2020

संघर्ष

ये संघर्ष भी तो मेरा ही फैसला था
वरना जी हुजूरी में ज़िन्दगी कट तो जाती मेरी,

अब थोड़ा बदनाम होना तो लाज़मी है
नही तो लोगो मे बातें कैसे होंगी मेरी।

-Ur\/!✍️

Tuesday, June 23, 2020

ज़िन्दगी

            ऐसा तो होता ही रहता है....
एक शख्स है मेरे अंदर जो सिर्फ रोता ही रहता है,
         धोखेबाज है जमाना वो जनता है
फिर भी ख्वाब ज़िन्दगी के सुनहरे, वो संजोता ही रहता है।
             ऐसा तो होता ही रहता है....

-Ur\/!✍️

Friday, June 19, 2020

औरत

एक भी कदम खुद के लिए चली ही नही
जो चाहा था खुद को वो बनी ही नही,
           कुरबानी हर बार दी!
कभी घर....
                कभी समाज....
कभी पैसा....
                कभी परिवार....
     
ये औरत है वही,  जो खुद के लिए कभी लड़ी ही नही।

-Ur\/!✍️

Sunday, June 14, 2020

सबक...

गलतियों से सीख रहे हैं हम,
वरना लोगो का क्या भरोसा,
सबक सिखाने के कितने नए तरीके अपनाते हैं ये।

Aπ✓íñD...