Khamosh Jazbat
Khamosh Jazbat Se Ubharte Kuch Alfaz..
Friday, June 26, 2020
बदनसीब
ऐं मोहोब्बत मेरी तू कितनी बदनसीब है,
एक वक्त था जब उसके ख्वाबों से बातें रात भर करती थी.
ओर आज बाहों में भी उसकी खामोश पड़ी है...
तु कल भी तन्हा थी,
ओर आज भी तन्हा ही खड़ी है।
-Ur\/!✍️
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