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Wednesday, September 23, 2020

Tuesday, September 22, 2020

राख

खाक सी हो गई है जिंदगी
बुझी हुई राख सी हो गई है जिंदगी,
ओर क्या बताऊँ इस कम्बक्त के बारे में...
वो जो होता है ना चांद में,
हा वही दाग सी हो गई गई है ज़िन्दगी।

-Ur\/!✍️

Tuesday, September 15, 2020

आदत

जिस आदत से उसे पाया था,
उसी आदत से खो रही हु
एक वक्त था बाहों में थी उसकी...
ओर आज तन्हा रो रही हु।


-Ur\/!✍️

Thursday, September 10, 2020

रूह

दम सा घुट रहा है अब इस ज़हान में
सांस भी नही ली जा रही खुले आसमान में
आँशु भी निकलते नही है
ओर देखूं उसे तो रुकते नही है
तलाश किसी की नही है अब,
फिर भी रूह ऐसे बैठक रही है
शायद मेरी ही शख्सियत मुझे बहुत खटक रही है
चीखना भी बहुत जोर से....
पर खामोशी भी चाहती है
न जाने ये ज़िन्दगी मेरी 
मुझसे अब क्या चाहती है

-Ur\/!✍️

Wednesday, September 9, 2020

बात क्यों नही करते

बात क्यों नही करते...?
क्या इतनी बुरी हु में...
क्या तुम्हें नही पता कि किस जगह रुकी हु में ,
हा में भी आगे बढ़ना चाहती हु।
तुम्हारे साथ हर एक सीढ़ी चढ़ना चाहती हु,
क्यों इस तरह अकेला छोड़ दिया है,
क्यों मुझे इतना तोड़ दिया है,
क्यों इतनी बेरुखी दिखाते हो,
तुम बहुत मजबूत हो क्या ये जताते हो।
क्या वो पहली मुलाकात भूल गए हो,
या वो पहली रात भूल गए हो,

         बताओ....
 बात क्यों नही करते।

चलो अब में भी खामोश हो जाती हु,
अपने तकिये को गले से लगाकर ही सो जाती हु।


-Ur\/!✍️

Monday, September 7, 2020

एक दॉव

ज़िन्दगी अगर खेल है,
तो फिर थोड़ा में भी खेल लुं.
फेकें है तूने इतने दॉव,
एक दॉव मे भी फेंक दुं।

-Ur\/!✍️

Wednesday, July 15, 2020

बेवजह

ना नफरत है तुमसे, न मोहोब्बत
 न कोई रिश्ता नज़र आ रहा है
बस समाज का एक धागा है....
जो हमे बेवजह जोड़े जा रहा है।

-Ur\/!✍️

Tuesday, July 7, 2020

सवाल

  ज़िन्दगी एक सवाल है तुझसे
         बात दे तू मुझे,
    तुझे कोई मलाल है मुझसे...
क्यों कर रही है बर्बाद मुझे इस कदर
क्या कोई और उम्मीदें ख़याल है मुझसे।

-Ur\/!✍️

Thursday, July 2, 2020

दुनियां

जो नही हो सकता,
वही तो करना है..
ये जो सारी दुनिया खिलाफ है मेरे,
इसी से तो लड़ना है।

-Ur\/!✍️