Showing posts with label raakh Shayari. Show all posts
Showing posts with label raakh Shayari. Show all posts

Tuesday, September 22, 2020

राख

खाक सी हो गई है जिंदगी
बुझी हुई राख सी हो गई है जिंदगी,
ओर क्या बताऊँ इस कम्बक्त के बारे में...
वो जो होता है ना चांद में,
हा वही दाग सी हो गई गई है ज़िन्दगी।

-Ur\/!✍️