Khamosh Jazbat
Khamosh Jazbat Se Ubharte Kuch Alfaz..
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Sitam Shayari
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Sunday, August 30, 2020
हक़
लगता है मोहोब्बत बची ही नही है निभाने को,
चलो अब मन भी कहा करता है कुछ बताने को
लड़ूं उनसे या चुप रहूं,
खेर अब वो है भी कहा..!
हक़ जताने को...
-Ur\/!✍️
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Thursday, August 27, 2020
सितम
ऐ बारिश तू मुझ पे ओर कितने सितम ढायेगी
तू मुझे उसकी ओर कितनी याद दिलाएगी,
वो ज़िद्दी है,
अब नही आएगी.....
पर तु इस तरह से बरस के उसे ओर कब तक बुलाएगी।
-Ur\/!✍️
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