Wednesday, July 8, 2020

Adhuri kahani

Kuch rishte aise banaye jinhe naam na de paye...
Kuch rishte aise nibhaye jinhe anjaam na de paye...
Aj tak adhuri hai kuch kahaniya,
Jinhe chah kar bhi ham wo mukaam na de paye...

-Ur\/!✍️

Tuesday, July 7, 2020

सवाल

  ज़िन्दगी एक सवाल है तुझसे
         बात दे तू मुझे,
    तुझे कोई मलाल है मुझसे...
क्यों कर रही है बर्बाद मुझे इस कदर
क्या कोई और उम्मीदें ख़याल है मुझसे।

-Ur\/!✍️

Monday, July 6, 2020

दर्द

यक़ीन मानिये...
कुछ लोगो ने तो ये कह कर छोड़ दिया,
की इतने दर्द की तो आदत है तुम्हे
संभल ही जाओगी।

-Ur\/!✍️

Saturday, July 4, 2020

भरोसा

लाख कोशिशें कर ले ज़माना
इस बार टुटूंगी नही,
खुद से ये वादा किया है।
हर बार से, इस बार...
खुद पे भरोसा थोड़ा ज्यादा किया है
वक़्त भी अब अकेले ही बिताती हुँ,
इस बार अपने हर गम में 
सिर्फ खुद को ही साजह किया है।

-Ur\/!✍️

Friday, July 3, 2020

बेरुखी

ये जो बेरुख़ी आप हमसे जाता रहे हो...
         बता दो साहब,
       नफरत दिखा रहे हो..
    या मोहोब्बत भुला रहे हो।

-Ur\/!✍️

Thursday, July 2, 2020

दुनियां

जो नही हो सकता,
वही तो करना है..
ये जो सारी दुनिया खिलाफ है मेरे,
इसी से तो लड़ना है।

-Ur\/!✍️

Wednesday, July 1, 2020

बेचैन

आज नींद नही है,
कल चैन नही होगा।
कोई बात नही साहब...
अब दिल है
तो बेचैन भी होगा।

-Ur\/!✍️

Tuesday, June 30, 2020

खिताब

ये इश्क़ है जनाब...
ये चीज़ है खराब,
                          चक्कर मे पड़े!
तो मांगोगे शराब
जो मांगोगे शराब,   
                                    तो चढ़ेगा शबाब
                                     चढ़ेगा शबाब,
फिर मिलेगा खिताब
मिला जो खिताब, 
                                     तो करोगे हिसाब
                                     हुआ जो हिसाब,
तो करोगे सवाल
किया जो सवाल,
                                  तो आएगा जवाब...
          
                 की ये इश्क़ है जनाब
                ओर ये चीज़ है खराब।


-Ur\/!✍️

Monday, June 29, 2020

खंजर

      तन्हाई का ये मंज़र
गुजरती रात का हर पल जैसे,
      दिल पे मेरे खंजर।

-Ur\/!✍️

Friday, June 26, 2020

बदनसीब

ऐं मोहोब्बत मेरी तू कितनी बदनसीब है,
एक वक्त था जब उसके ख्वाबों से बातें रात भर करती थी.
ओर आज बाहों में भी उसकी खामोश पड़ी है...
तु कल भी तन्हा थी,
ओर आज भी तन्हा ही खड़ी है।

-Ur\/!✍️

Thursday, June 25, 2020

मुखोटे

      चेहरे नही मुझे मुखोटे दिखते है अब,
वो जो अपने थे वो तो बस, सपने में दिखते है अब
था मेरा भी एक सपना की आशियाँ बने खुबसूरत,
       लेकिन दिल मे तो नफरत पल गई 
  ओर जो थी गुंजाइश रिश्तों में मोहोब्बत की,
            वो तो कब की जल गई।

-Ur\/!✍️