Friday, July 3, 2020

बेरुखी

ये जो बेरुख़ी आप हमसे जाता रहे हो...
         बता दो साहब,
       नफरत दिखा रहे हो..
    या मोहोब्बत भुला रहे हो।

-Ur\/!✍️

Thursday, July 2, 2020

दुनियां

जो नही हो सकता,
वही तो करना है..
ये जो सारी दुनिया खिलाफ है मेरे,
इसी से तो लड़ना है।

-Ur\/!✍️

Wednesday, July 1, 2020

बेचैन

आज नींद नही है,
कल चैन नही होगा।
कोई बात नही साहब...
अब दिल है
तो बेचैन भी होगा।

-Ur\/!✍️

Tuesday, June 30, 2020

खिताब

ये इश्क़ है जनाब...
ये चीज़ है खराब,
                          चक्कर मे पड़े!
तो मांगोगे शराब
जो मांगोगे शराब,   
                                    तो चढ़ेगा शबाब
                                     चढ़ेगा शबाब,
फिर मिलेगा खिताब
मिला जो खिताब, 
                                     तो करोगे हिसाब
                                     हुआ जो हिसाब,
तो करोगे सवाल
किया जो सवाल,
                                  तो आएगा जवाब...
          
                 की ये इश्क़ है जनाब
                ओर ये चीज़ है खराब।


-Ur\/!✍️

Monday, June 29, 2020

खंजर

      तन्हाई का ये मंज़र
गुजरती रात का हर पल जैसे,
      दिल पे मेरे खंजर।

-Ur\/!✍️

Friday, June 26, 2020

बदनसीब

ऐं मोहोब्बत मेरी तू कितनी बदनसीब है,
एक वक्त था जब उसके ख्वाबों से बातें रात भर करती थी.
ओर आज बाहों में भी उसकी खामोश पड़ी है...
तु कल भी तन्हा थी,
ओर आज भी तन्हा ही खड़ी है।

-Ur\/!✍️

Thursday, June 25, 2020

मुखोटे

      चेहरे नही मुझे मुखोटे दिखते है अब,
वो जो अपने थे वो तो बस, सपने में दिखते है अब
था मेरा भी एक सपना की आशियाँ बने खुबसूरत,
       लेकिन दिल मे तो नफरत पल गई 
  ओर जो थी गुंजाइश रिश्तों में मोहोब्बत की,
            वो तो कब की जल गई।

-Ur\/!✍️

Wednesday, June 24, 2020

संघर्ष

ये संघर्ष भी तो मेरा ही फैसला था
वरना जी हुजूरी में ज़िन्दगी कट तो जाती मेरी,

अब थोड़ा बदनाम होना तो लाज़मी है
नही तो लोगो मे बातें कैसे होंगी मेरी।

-Ur\/!✍️

Tuesday, June 23, 2020

ज़िन्दगी

            ऐसा तो होता ही रहता है....
एक शख्स है मेरे अंदर जो सिर्फ रोता ही रहता है,
         धोखेबाज है जमाना वो जनता है
फिर भी ख्वाब ज़िन्दगी के सुनहरे, वो संजोता ही रहता है।
             ऐसा तो होता ही रहता है....

-Ur\/!✍️

Monday, June 22, 2020

साजिशें

ताल्लुक छोड़ के साजिशें अपना रहे हो,
            ज़रा गौर करो...
 नफरत के  सिवा क्या पा रहे हो।

-Ur\/!✍️

Friday, June 19, 2020

औरत

एक भी कदम खुद के लिए चली ही नही
जो चाहा था खुद को वो बनी ही नही,
           कुरबानी हर बार दी!
कभी घर....
                कभी समाज....
कभी पैसा....
                कभी परिवार....
     
ये औरत है वही,  जो खुद के लिए कभी लड़ी ही नही।

-Ur\/!✍️